पिछले दो महीनो से भारी मात्रा में हो रही प्रॉफिट बुकिंग और एफआईआई की चल रही बिकवाली के कारण भारतीय शेयर बाजार को काफी मंदी का सामना पड़ रहा है, जो अभी भी जारी है। ऐसे में clsa ने कुछ ऐसा काम किया है, जिससे सारी दुनिया की नजर फिर एक बार भारतीय बाजार के ऊपर आने की संभावना है, लेकिन क्या भारतीय शेयर बाजार इससे मंदी से बाहर निकल पाएगा? ये सवाल निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
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CLSA का ये एक्शन, क्या आएगा भारतीय बाजार पे रिएक्शन?
CLSA जो एक ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म है, इन्होंने भारत में हो रहे, fii के सेलिंग के बावजूद अपने स्ट्रेटजी में बदलाव करके चीन का एलोकेशन घटाकर भारत में एलोकेशन बढ़ाया है। आपको बता दे CLSA ने टैक्टिक शिफ्ट करते हुए भारत के एलोकेशन को २०% से बढ़ा दिया है।
CLSA ने क्यों किया ये टैक्टिक शिफ्ट?
CLSA के मुताबिक ये टैक्टीक मूवमेंट के पीछे, चीन में एनपीसी पार्टी ने लिए हुए एक्शन चीन के ग्रोथ के लिए परिपूर्ण नही है, इसी के साथ us में इलेक्शन के बाद हुए सत्ता परिवर्तन के कारण चीन को परेशानी को सामना करना पड़ सकता है। इसी के साथ us में बढ़ रहा इनफ्लेशन और यील्ड इसे भी इन्होंने ध्यान में रखा। इन सब चीजों को मध्य नजर रखते हुए, CLSA को डर है की चीन में अभी हाल ही में जो नई ओवरसीज इन्वेस्टमेंट हुई है, वो वापस जा सकती है।
क्या है CLSA की भारतीय शेयर बाजार पर राय?
CLSA के मुताबिक़, भारत में us में सत्ता परिवर्तन के बावजूद ट्रेड पॉलिसी के टेंशन नहीं होंगे और इसी के साथ भारत में डॉलर बढ़ने के बावजूद फॉरेन एक्सचेंज की स्टेबल्टी और एनर्जी प्राइसेस की स्टेबिलिटी है। CLSA ने एफआईआई की चल रही सेलिंग को ध्यान में रखते हुए ये माना की भारतीय बाजार में अभी भी अच्छी डोमेस्टिक डिमांड है।
CLSA ने भारतीय शेयर बाजार के कुछ रिस्क फैक्टर के बारे में नोटिस किया, जो भारतीय शेयर बाजार का बढ़ा हुआ वैल्यूएशन है। CLSA के मुताबिक भारतीय और चीन शेयर बाजार दोनो डॉलर में बढ़ोतरी के कारण १०% तक करेक्ट हुए है, और उनके मुताबिक ये स्विच करने का सही समय है।
क्या भारतीय बाजार इससे मंदी से बाहर निकल पाएगा?
CLSA के इस स्ट्रेटेजिक मूव की वजह से दुनिया के इनवेस्टर्स का ध्यान जरूर भारतीय शेयर बाजार पर जायेगा और वो इसे किस तरह देखते है, वो हमे शेयर बाजार में आने वाले कुछ समय में पता चल जायेगा।