शेयर बाजार ने राकेश झुनझुनवाला जैसे कई निवेशकों को जीरो से हीरो बनाया हैं, वहीं कई लोगों के लिए ये बर्बादी का कारण भी बनता है। इसलिए, आप लोगो को आस पास ऐसे कही लोग मिलेंगे जो शेयर बाजार एक जुआ है! ये बोलते हुए नजर आते होंगे। आज के इस आर्टिकल में, हम क्या शेयर मार्केट एक जुआ है?, और इस से सबंधित ३ कड़वी सच्चाईयां जानेंगे।
शेयर मार्केट ये जुआ नहीं है, बल्कि ये एक अच्छी कंपनी के भागीदार बनेने का एक अच्छा जरिया है। लेकिन यह बात सच है की, यहां बहुत से लोग अपना पैसा गवाते है। लेकिन उसके पीछे का कारण उनका खुद पे काबू न रख पाना होता है, और ऐसे लोग बादमे खुदके गलती से हुए नुकसान का दोष शेयर मार्केट पे डालकर इसे जुआ बोलने लगते है। वास्तविकता में इनमे से कई लोग मार्केट में जल्दी अमीर बनने का सपना लेके आए हुए रहते है, और जल्दबाजी में किसी के कहने पर बिना मार्केट को सीखे, या रिसर्च करे निवेश करने लगते है और नुकसान उठाते है।
जहा जुए में सिर्फ जितने की ५०% गारंटी होती है, वैसे शेयर मार्केट में नही होता। शेयर बाजार में अगर सही से सिख के और प्रॉपर ज्ञान लेके, और रिसर्च करके निवेश किया जाए तो ये एक अच्छा दूसरा इनकम सोर्स बनाने में मदद करता है। यहां हम कंपनी के फंडामेंटल और टेक्निकल का अच्छी तरह से आकलन और शेयर की कीमतों को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश करके उसे कंपनी के ग्रोथ के साथ बढ़ा सकते है। लेकिन जुए में ऐसा कोई रिसर्च या अभ्यास नहीं करना होता, जुए में सफलता सिर्फ नसीब से मिलती है।
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क्यों समझते है लोग शेयर मार्केट को जुआ?
लोग शेयर मार्केट को जुआ इसलिए समझते है। क्युकी वो इसे उस नजरिए से देखते है, और अपना पैसा गवाते है। कई लोग बिना कुछ रिसर्च और एनालिसिस के अपना पैसा शेयर ऊपर जाएगा इसी उम्मीद पे डालते है जिसकी वजह से उनका शेयर बाजार में सफल होना सिर्फ ५०% तक जुए की तरह मर्यादित हो जाता है। और ऐसे ही लोग इस मार्केट में अपना पैसा गवाते भी है।
अब हम जानेंगे, क्या है वो ३ कड़वी स्टॉक मार्केट की बाते।
ये है शेयर मार्केट की ३ कड़वी सच्चाईयां!
१. शेयर बाजार में होने वाला मैनिपुलेशन।
शेयर बाजार की कई ऐसी कड़वी सच्चाईयां भी है ,जो आपको निवेश करने से पहले पता होनी बहुत जरूरी है। शेयर मार्केट में कई बार कोई कंपनी जान बूझकर किसी थर्ड पार्टी फर्म या निवेशक के द्वारा अपने शेयर में इन्वेस्टमेंट कराती है, और उसे जानबूझकर लोगो के बीच चर्चा में लाकर, उसके शेयर का भाव बढ़ाने की कोशिश करती है, इसे शेयर का मैनिपुलेशन कहते है। ऐसा करने से काफी लोग इसमें निवेश करने लगते है, और जैसे ही कंपनी के बड़े शेयर धारकों को इससे फायदा होता है, वो शेयर बेच कर उसका भाव गिरा देते है। इसकी वजह से काफी नौ सीखिए निवेशक बाजार में शुरू में नुकसान उठाते है। हालाकि sebi ने काफी नियमों में बदलाव करके इस चीज को रोकने में सफलता पाई है। लेकिन अगर आप कंपनी के फंडामेंटल को समझते है तो आप उसके शेयर का भाव क्या होना चाइए ये आसानी से पता कर सकते है और स्टॉक मैनिपुलेशन से बच सकते हो।
२. शेयर मार्केट की लत लगना!
शेयर मार्केट में कई लोगो को गैंबलिंग करने की लत लग जाती है, और वो इसे जुए की तरह करते रहते है और बढ़ा नुकसान उठा लेते है। ऐसा अक्सर जो नए लोग मार्केट में छोटा नुकसान करते है उनमे से कई लोगों के साथ होता है। अपना पुराना नुकसान मार्केट से वसूलने के चक्कर में ऐसे लोग बार बार बिना सोचे समझे और किसी की सलाह पर निवेश करने लगते है, और उनको शेयर मार्केट में एक सट्टेबाज की तरह सोचने की लत लग जाती है, और वो बढ़ा नुकसान उठा लेते है। इससे बचने के लिए शेयर मार्केट में निवेश करने के पहले से ही आपको इसके बारे में जानकारी हासिल कर लेनी चाइए और फिर सोच समझकर इसमें निवेश करना चाइए।
३. शेयर बाजार में ९०% रिटेल निवेशक अपना पैसा गवाते है।
हां, शेयर मार्केट में ९०% रिटेल निवेशक अपना मेहनत से कमाया पैसा गवाते है, ये बिलकुल सच और इस मार्केट की सबसे कड़वी और दुख की बात है। और इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है, लोगो में फाइनेंशियल शिक्षा की कमी। और इसी वजह से भारत में ज्यादातर लोग दूसरों ने कमाया हुआ लाभ और जल्दी अमीर होने के महत्वकांक्षा से शेयर बाजार में आते है, और इसे एक जुआरी की तरह करके नुकसान उठाकर अपना पैसा गवाते है। इसके लिए SEBI और कई NSE जैसी संस्थाएं काम कर रही है, और कई कैंपेन चला रही है।
क्या शेयर मार्केट एक जुआ है ?
नहीं, शेयर मार्केट एक जुआ बिलकुल नहीं है। बस लोगो को अपना नजरिया बदलने की और फाइनेंस की शिक्षा लेने की जरूरत है। सही शिक्षा लेकर और रिसर्च करने के बाद अगर कोई शेयर मार्केट में निवेश करता है, तो शेयर मार्केट ये एक अच्छा पैसा कमाने का और भारत को और प्रगतिशील बनाने का सबसे अच्छा रास्ता है।