अगर आप शेयर मार्केट मे नए हो, और ट्रेडिंग करना चाहते हो। लेकिन अगर आपको नए लोगो के लिए कौनसा ट्रेडिंग सबसे अच्छा है? ये सवाल सता रहा है। तो आप सही जगह पे हो। इस आर्टिकल में, मै आपको विस्तार में बताऊंगा की आपके रिस्क लेने की क्षमता से आपके लिए कोनसा ट्रेडिंग करना सबसे अच्छा साबित होगा।
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आर्टिकल शुरू करने से पहले हम जानेंगे की आखिर ये ट्रेडिंग है क्या, और कितने तरीके की ट्रेडिंग होती है?
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या है?
ट्रेडिंग या ट्रेड करना ये कोई अटपटा शब्द नही है, हम हर रोज इसे अपने सामान्य जीवन में करते ही रहते है। आप अगर मार्केट जाके कोई वस्तु या समान की खरीददारी करते हो तो आप उस वस्तु या समान के बदले पैसा देते हो, इसका मतलब आप उस वस्तु या समान के बदले पैसों का ट्रेड करते हो। ठीक इसी तरह जब आप शेयर मार्केट से कोई भी शेयर की खरीददारी के बदले पैसों का आदान प्रदान या व्यवहार करते हैं उसे ही ट्रेडिंग या ट्रेड लेना कहते है। इतना आसान है ये ट्रेडिंग का अर्थ।
ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या अंतर है?
ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट इन दोनो में शेयर को कितने समय तक अकाउंट में रखा गया है, इसी का अंतर होता है। अगर शेयर को कम समय के लिए या एक साल के कम में खरीद कर बेचा गया है, तो उसे स्टॉक ट्रेडिंग कहते है। वही अगर कोई शेयर लंबे समय के लिए जैसे एक साल, दो साल या उससे भी ज्यादा समय तक अकाउंट में है, तो उसे इन्वेस्टमेंट कहते है। ट्रेडिंग में कम समय में खरीदा और बेचते है उसके वजह से ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट से रिस्क ज्यादा होता है।
ट्रेडिंग करने के तरीके कोन कोनसे है?
देखिए, शेयर मार्केट ट्रेडिंग ये शेयर को कितने समय तक hold किया है, और किस मार्केट के प्रकार में ये खरीदी बिक्री की गई है, इसके आधार पर अलग अलग तरीकों से की जाती है।
अब आपको सवाल उठा होगा ये शेयर मार्केट के कितने प्रकार है?। तो बता दू, शेयर मार्केट में इक्विटी मार्केट है, जिसमे शेयर में खरीदी बिक्री या ट्रेडिंग होती है। प्राइमरी मार्केट है, जहा कंपनी अपने शेयर की सबसे पहले को निवेशकों तक बेचने लाती है, और इनमे निवेशक और कंपनी के बीच ट्रेड होता है। डेरिवेटिव मार्केट है, जहा कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट जिसे फ्यूचर और ऑप्शन बोलते है, उसकी ट्रेडिंग होती है।
इन सब में, मुख्य रूप से इंट्राडे, स्विंग ट्रेडिंग, फ्यूचर एंड ऑप्शन्स ट्रेडिंग इन तीन तरीकों से ट्रेडिंग की जाती है।
अब हम इन तीनों तरीकों के बारे में जानेंगे।
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? जानिए क्या है रिस्क?
एक दिन में शेयर को खरीद कर बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है।
- इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को सिर्फ एक दिन के लिए ही अपने demat अकाउंट में होल्ड करते है।
- इंट्राडे ट्रेडिंग में मार्केट बंद होने से पहले यानी ३.३० से पहले आपको शेयर को बेचना होता है।
- ३.३० के पहले अगर आप अपना शेयर नही बेचते है, तो आपका ब्रोकर खुद उस शेयर को बेच देता है जिसे square off कहा जाता है।
- इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को पहले ज्यादा कीमत पर बेच कर उसे बादमे कम कीमत पर खरीदने का प्रावधान होता है, जिसे शॉर्ट सेलिंग कहा जाता है।
- इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको ५ से २० गुना तक लेवरेज आपके ब्रोकर द्वारा दिया जाता है, जिसका मतलब है, आप खुदने लगाए हुए १० रुपयों से २०० रुपयों तक शेयर खरीद सकते है। लेकिन इससे प्रॉफिट और लॉस भी उतने गुना बढ़ जाता है।
- इंट्राडे ट्रेडिंग में लेवरेजिंग और सिर्फ एक दिन का समय होने के कारण ये रिस्की होता है।
क्या नए लोगो के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग अच्छा है?
नही, नए लोगो के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग अच्छा नहीं है। इंट्राडे में आपको स्टॉक का मूवमेंट पकड़ना होता है। जिसके लिए आपको मार्केट में फंडामेंटल एनालिसिस, टेक्निकल, मार्केट से जुड़ी खबरे और इसके साथ साथ कई अन्य चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। इसके लिए आपको मार्केट में समय बिताना और मार्केट को सीखना बहुत ज्यादा जरूरी होता है।इसलिए नए लोगो को इंट्राडे ट्रेडिंग नही करनी चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग क्या है? क्या है इसमें रिस्क?
शेयर को खरीदकर १ से ज्यादा दिन तक उसे demat अकाउंट में होल्ड करने के बाद उसे बेचने को स्विंग ट्रेडिंग कहते है।
- स्विंग ट्रेडिंग में १ से ज्यादा दिन शेयर को होल्ड कर सकते है, ज्यादातर समय इसमें १५ से ३० दिनों तक शेयर को होल्ड किया जाता है। लेकिन कुछ समय कुछ महीनो तक भी प्रॉफिट आने का इंतजार करना पड़ सकता है।
- स्विंग ट्रेडिंग में फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस बहुत मदद करता है।
- स्विंग ट्रेडिंग में रिस्क काफी कम रहता है। लेकिन खराब मार्केट में gap down होने के वजह से ओवरनाइट रिस्क बढ़ भी सकता है।
- इसमें कोई लिवरेज नही मिलता लेकिन ४ गुना तक मार्जिन ट्रेडिंग का प्रावधान आपका ब्रोकर आपको दे सकता है। जिसके वजह से आप का प्रॉफिट और तक लॉस बढ़ सकता है।
क्या नए लोगो के लिए स्विंग ट्रेडिंग अच्छा है?
हां, नए लोगो के स्विंग ट्रेडिंग सबसे अच्छा है। लेकिन आपको इसमें निवेश करने से पहले फंडामेंटल और टेक्निकल को अच्छी तरह सीखना जरूरी है, जो आप आसानी से यूट्यूब से सिख सकते हो। इसके मार्जिन ट्रेडिंग प्रावधान का उपयोग किए बगैर नए लोगो ने इसे करना चाहिए। इसमें आपको खुदके रिस्क अपेटाइट को देखते हुए स्टोपलॉस के साथ निवेश करना चाहिए।
फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?
फ्यूचर एंड ऑप्शन्स ये कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट होते है। ये अपने हर रोज के जीवन में जो बॉन्ड की तरह होते है। इसमें कॉल या पुट ये दो कॉन्ट्रैक्ट होते है, कॉल का इस्तेमाल मार्केट ऊपर जाने के लिए वही पुट का इस्तेमाल मार्केट नीचे जाने के वक्त किया जाता है। यह फ्यूचर एंड ऑप्शन की कॉन्सेप्ट बहुत ज्यादा अभ्यास का विषय होता है।
- फ्यूचर एंड ऑप्शन्स में कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट और फ्यूचर प्राइस में ट्रेडिंग होती है।
- इसमें मार्केट के ऊपर जाने के लिए कॉल इस टर्म का इस्तमाल किया जाता है।
- ऑप्शन में मार्केट के नीचे जाने के लिए पुट इस टर्म का इस्तेमाल होता है।
- फ्यूचर में कंपनी के फ्यूचर प्राइस के कॉन्ट्रैक्ट होते है उनमें ट्रेडिंग की जाती है।
- फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट ये ज्यादातर अगले तीन महीनों के होते है।
- फ्यूचर एंड ऑप्शन में कंपनी या nse द्वारा जारी गए लॉट्स में यानी एक विशिष्ट क्वांटिटी, या इसके मल्टीपल में ही ट्रेडिंग होती है।
- फ्यूचर एंड ऑप्शन की कीमतें काफी ज्यादा वोलेटाइल होती है, और अपने कॉन्ट्रैक्ट के खतम होते ही शून्य हो जाती है, इसी वजह से फ्यूचर एंड ऑप्शन ये काफी रिस्की होता है।
क्या नए लोगो के लिए फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग अच्छा है?
नहीं, नए लोगो के लिए फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग अच्छा नहीं है। फ्यूचर एंड ऑप्शन में वक्त के साथ कीमतों में होने वाली घटोत्री और उसकी वजह से इनके प्राइस में होने वाली वोलेटिलिटी, इसके कारण ये सबसे ज्यादा रिस्की तरह की ट्रेडिंग होती है। इसमें मार्केट में काफी ज्यादा एक्सपीरिएंस वाले लोग भी गलतियां करके अपना पैसा गवाते है। फ्यूचर एंड ऑप्शन में सफलता पाने के लिए कड़े अभ्यास के साथ साथ इमोशंस पे कंट्रोल, एक्सपीरिएंस और कई दूसरे चीजों का होना बहुत जरूरी होता है। इसलिए नए लोगो ने कभी फ्यूचर एंड ऑप्शन के साथ ट्रेडिंग शुरू नही करनी चाइए, वरना महंगा पड़ सकता है।
निष्कर्ष – मार्केट में नए लोगो के लिए स्विंग ट्रेडिंग ये सबसे अच्छा तरीका है, और ये तरीका सीखने में भी सबसे आसान है। लेकिन ट्रेडिंग में रिस्क हर जगह होता है, इसलिए नए लोगो को ट्रेडिंग शुरू करने से पहले अपनी रिस्क को पहचानते हुए और अभ्यास करने के बाद ही, सही ट्रेडिंग को चुनना बहुत ज्यादा जरूरी है।
नोट- शेयर बाजार में ट्रेडिंग ये जोखिमों के अधीन होती है, कोई भी फैसला लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें। ये आर्टिकल का उद्देश सिर्फ एजुकेशनल और नॉलेज के लिए है, और आपके कोई भी निर्णय के लिए सिर्फ आप जिमेदार होंगे, desclaimer और terms and conditions जरूर पढ़े।