पिछले दो सितंबर और अक्टूबर महीनो से भारतीय बाजार में चल रही एफआईआई की भारी मात्रा में बिकवाली और प्रॉफिट बुकिंग के कारण भारतीय शेयर बाजार लुढ़कता हुआ नजर आया, और बाजार के अलग अलग सेक्टर्स में इन महीनो में मंदी दिखाई दी। इसके वजह से कई नए निवेशकों के मन में ये मंदी कब तक रहेगी?, ये सवाल है। इसके बारे में एक्सपर्ट्स ने जो बयान दिया है, उससे निवेशकों के चिंता बढ़ती हुई नजर आ रही है।
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क्या है एक्सपर्ट्स का शेयर बाजार के मंदी पर कहना ?
जैसा आप सब जानते हो, निफ्टी ने अपने सितंबर के ऑल टाइम हाई से करीब १०% की गिरावट दिखाई है, जिसका मुख्य कारण प्रॉफिट बुकिंग और fii से जारी बिकवाली बताया जा रहा है। कई एनालिस्ट और एक्सपर्ट्स शेयर बाजार में बिकवाली जारी रहने के संकेत दे रहे है।
cashtechcahos.com के जय बाला के मुताबिक, निफ्टी साल के अखरी तक २१३०० के आस पास आने की संभावना है, वही बैंकिंग इंडेक्स ४२००० तक आ सकता है, लेकिन इसमें बीच में ४९००० और ४७००० पर रुक ने की भी संभावना है।
वही samco securities के मुताबिक, निफ्टी अभी उसने २०२२ में बनाए के राइजिंग चैनल पैटर्न में है, और इस चैनल का और २००-DMA का सपोर्ट ले रहा है, वही rsi हायर लोज और प्राइस लोअर लोज़ बना रहा है, जो एक slowdown और downward momentum को दर्शा रहा है। लेकिन, उनके मुताबिक मार्केट में कभी भी टेक्निकल के आधार पर, बाउंस बैक देखने मिल सकता है।
clsa के लॉरेंस बालांको के मुताबिक ये शेयर बाजार में चल रही मंदी आगे आने वाले २०२५ के पहले क्वार्टर तक जारी रह सकती है।
axis म्यूचुअल फंड हाउस के मैनेजर जयेश सुंदर के मुताबिक मार्केट अभी एक अच्छे रिस्क रिवार्ड के स्तर पर है, उन्होंने निवेशकों को अपने नए एलोकेशन करते समय, फिक्स्ड इनकम और इक्विटी के बीच में समान भागीदारी से निवेश करने की और अगर बड़ी गिरावट आते ही उसे इक्विटी में निवेश करने की सलाह दी।
नए निवेशक ऐसे मंदी वाले बाजार में क्या करे ?
आपको ऐसे समय निवेश करते समय बैलेंस के साथ आपके पोर्टफोलियो को मेंटेन करना चाइए, और खुद के रिस्क रिवार्ड को मैनेज करते हुए निवेश करने का निर्णय लेना चाइए। इसपर बात करते हुए कही एक्सपर्ट्स ने मार्केट के पुरानी कहावत को याद करते हुए निवेशकों को गिरते हुए नाइफ को कैच न करने की सलाह दी।