इस अर्टिकल में, हम पोर्टफोलियो क्या है? (Portfolio Meaning in Hindi) पोर्टफोलियो के प्रकारकोनसे है, पोर्टफोलियो कहा और कैसे देखें, पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन केसे करे ये सब केबारे मे जानेगे।
पोर्टफोलियो ये आपके Investments का कलेक्शन होता है . यह किसी भी प्रकार का इन्वेस्टमेंट हो सकता है, जैसे Real estate, ETF, कमोडिटी, म्यूच्यूअल फंड, शेअर मार्केट में इन्वेस्ट इत्यादि। पोर्टफोलियो का मुख्य लक्ष्य investors के इन्वेस्टमेंट को आसानी से नियंत्रित करना और उनकी कॅपिटल की सुरक्षा रखना है।
इसे हम एक Example से समझते है मान लो आप एक कला गैलरी का मालिक हैं। गैलरी में चित्रकला, मूर्तिकला, फोटोग्राफी और स्कल्प्चर सहित अनेक प्रकार की कलाकृतियों का storage है। आपके कलेक्शन का पोर्टफोलियो उन different कलाओं को एक साथ दिखाता है जो आपके गैलरी में हैं। ठीक इसी तराह आपके investments का कलेक्शन होता है portfolio.
शेअर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले investors को में पोर्टफोलियो बहुत लोकप्रिय है इसलिए आज के ये आर्टिकल में हम शेअर मार्केट में प्रयोग होने वाले प्रत्येक पोर्टफोलियो के बारे में अधिक जानेंगे।
Table of Contents
Portfolio Meaning in Hindi / पोर्टफोलियो क्या है
एक इन्वेस्टमेंट कलेक्शन को पोर्टफोलियो कहा जाता है। अब ये शेअर, bonds, कमोडिटी मार्केट या रियल एस्टेट में इन्वेस्टमेंट हो सकता है। यह पोर्टफोलियो आपके सभी इन्वेस्टमेंट एकत्रित करता है | इससे आप अपने इन्वेस्टमेंट की समीक्षा को बेहतर बना सकते हैं | आज के लेख में हम शेअर मार्केट में स्टॉक्स के पोर्टफोलियो की पूरी जानकारी मिलेगी।
पोर्टफोलियो के प्रकार (Types Of Portfolio In Hindi)
शेअर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले इन्वेस्टर कई तरह के रिस्क लेते हैं. उदाहरण के लिए, जल्दी अमीर बनना चाहने वाले लोग स्माल कैप कंपनी में अपना पूरा पोर्टफोलियो इन्वेस्ट करते हैं। इसलिए इन्वेस्टर का पोर्टफोलियो बहुत रिस्की है |
इसी तरह यदि कोई इन्वेस्टर शेअर मार्केट से बेहतर रिटर्न लेना चाहता है लेकिन कम रिस्क लेना चाहता है ऐसे इन्वेस्टर ऐसे कंपनी में इन्वेस्ट करेंगे, जो शेअर मार्केट से बड़ी है।
Risk appetite के according पोर्टफोलियो के अलग अलग प्रकार हो जाते है जैसे ,
रिस्की पोर्टफोलियो (Risky Portfolio Meaning In Hindi)
शेअर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले जो जल्दी ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं, वे छोटी तरह की कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं जिसकी ग्रोथ अच्छी होती है। ऐसी कंपनी के शेअर बड़ी तेजी से ऊपर जाते हैं जब मार्केट अच्छा होता है | लेकिन ऐसे शेअर बहुत जल्दी गिर जाते हैं जब मार्केट खराब होता है।
ऐसे Risky पोर्टफोलियो मे कब इन्वेस्ट करना चाइये ?
- लंबे समय से शेअर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले इन्वेस्टर, जिनके पास पहले से कम रिस्की पोर्टफोलियो है, रिस्की पोर्टफोलियो बना सकते हैं। ऐसे इन्वेस्टर बड़ी लार्ज कैप (कम रिस्की पोर्टफोलियो) में अपनी पूंजी का 70 से 80 परसेंट इन्वेस्ट करते रहते हैं। शेष २०-३० परसेंट अलग अलग companies मे डालकर एक diversified portfolio बनाते है .
- दरअसल, कम मार्केट कैप वाली कंपनी के शेयरों में Growth और गिरावट बहुत जल्दी होती है। अगले महीने आपके पोर्टफोलियो में पूरा गेन हो सकता है, लेकिन अगले दो से तीन महीने में शेअर 50 परसेंट से ज्यादा तक भी गिर सकते हैं। इसलिए, यदि आप ऐसी company के शेयरों में इन्वेस्ट कर रहे हैं, तो आपको हर बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए।
- जब कोई नया इन्वेस्टर इस तरह की अस्थिर कंपनी में इन्वेस्ट करता है, तो कंपनी का शेअर ऊपर जाता है, लेकिन जब कंपनी का शेअर तेजी से गिरने लगता है, तो वे कंपनी के शेअर नहीं रख पाते. लेकिन अनुभवी इन्वेस्टर इस इन्वेस्ट को जानता है कि कंपनी कैसी है, उसका नेचर क्या है और उसका भविष्य क्या हो सकता है। जब ये इन्वेस्टर कंपनी के फंडामेंटल को देखकर शेअर खरीद लेते हैं, तो चाहे शेअर ऊपर हो या नीचे हो, कोई फर्क नहीं पड़ता।
- क्योंकि वे जानते हैं कि कंपनी के शेअर आज मार्केट के सेंटिमेंट से down होने के बावजूद लंबे समय में ऊपर ही जाना है। वो ऐसे investment के लिए policy की तरह एक hedging अॅसेट मे भी इन्वेस्ट करके चलते है जिससे ऊनका portfolio ज्यादा इफेक्ट नही करता.
मध्यम रिस्की पोर्टफोलियो / (Moderate Risk Portfolio Meaning In Hindi)
यदि कोई इन्वेस्टर 50 परसेंट लार्ज कैप की ब्लूचिप कंपनी में, 30 परसेंट मध्य कैप की कंपनी में और 20 परसेंट तक स्माल कैप की हाई ग्रोथ वली कंपनी में इन्वेस्ट करता है, तो वो मध्यम रिस्की पोर्टफोलियो (Moderate Risky Portfolio)कहते हैं।
ऐसे मध्यम रिस्की पोर्टफोलियो / (Moderate Risk Portfolio) पोर्टफोलियो मे कब इन्वेस्ट करना चाइये ?
ज्यादातर इन्वेस्टर इसी प्रकार का पोर्टफोलियो बनाने का प्रयास करते हैं क्योंकि इस प्रकार का इन्वेस्ट कम रिस्की पोर्टफोलियो से अधिक रिटर्न देता है लेकिन रिस्की पोर्टफोलियो से कम। ऐसा पोर्टफोलियो तभी हो सकता है जब कोई इन्वेस्टर शेअर मार्केट में दो से तीन वर्ष का समय बिता चुका है।
कम रिस्की पोर्टफोलियो / (Low Risk Portfolio Meaning In Hindi)
जब कोई इन्वेस्टर लार्ज कैप वाली कंपनी के शेअर में इन्वेस्ट करता है, तो उसे कम रिस्की पोर्टफोलियो (low risky portfolio) कहा जाता है।
ऐसे कम रिस्की पोर्टफोलियो / (Low Risk Portfolio) पोर्टफोलियो मे कब इन्वेस्ट करना चाइये ?
- यदि आप एक नए इन्वेस्टर हैं और एक हाई रिस्की पोर्टफोलियो बनाकर बहुत सारे पैसे इन्वेस्ट करते हैं, तो बहुत मुमकिन है कि आप शेअर मार्केट में उतार-चढ़ाव और गिरावट के डर से बाहर निकल जाते हैं या अपना पूरा इन्वेस्ट लॉस कर देंगे।
- यदि आप शेअर मार्केट से कम रिस्क के साथ बढ़िया रिटर्न पाना चाहते हैं तो आपको इस तरह का पोर्टफोलियो बनाना चाहिए। इसके अलावा, आपको इसी तरह का पोर्टफोलियो बनाना चाहिए अगर आपका इन्वेस्ट नया है और शेअर मार्केट नया है। इससे नए investors को का शेअर मार्केट पर विश्वास और अनुभव बढ़ता है।
Dividend पोर्टफोलियो / Dividend Portfolio Meaning In Hindi
- Dividend Portfolio या Income Portfolio कहलाता है जब कोई इन्वेस्टर किसी कंपनी के शेअर खरीदता है जो उन्हें अच्छे डिविडेंड देता रहे
- इन शेयरों से इन्वेस्टर को न सिर्फ डिविडेंट का फायदा मिलता है, बल्कि शेअर की price भी बढती है।
पोर्टफोलियो कहा और कैसे देखें / where and how can I view my Portfolio
इसके लीये आपको अपने demat अकाऊंट को लॉगिन करना होगा, लॉग इन करने के बाद आप अपने ब्रोकिग कंपनी के डीमेट खाते में पोर्टफोलियो / होल्डिंग नामक एक टैब दीखाई देगा ।
इस पर क्लिक करने के बाद सभी शेअर देखेंगे। आपके पोर्टफोलियो खुलते ही आपको invested कंपनी की लिस्ट , इन्वेस्ट की हुई अमाऊंट , प्रॉफिट और लॉस , टोटल investments और टोटल प्रॉफिट या लॉस सब कुछ दिखाई देगा।
How To Diversify Portfolio? / पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन कैसे करें
- पोर्टफोलियो को diversify करने से आपका शेअर मार्केट मे रिस्क कम होता है। पोर्टफोलियो को diversify करना कोई मुश्किल काम नहीं है। इसके लिए, आपको विभिन्न क्षेत्रों में अपने मार्केट कैप से अलग-अलग कंपनी में इन्वेस्ट करना चाहिए।
- Different कंपनियों में इन्वेस्ट करने पर, यदि आपकी invested कंपनी में कोई समस्या होती है, तो पोर्टफोलियो के अन्य शेअर आपके पोर्टफोलियो को संभाल लेंगे। लेकिन यदि आप एक या दो कंपनियों में यही इन्वेस्ट करते हैं और उनमें से किसी में कोई समस्या होती है, तो आप बहुत नुकसान उठाएंगे। इसलिए आपको सिर्फ अपने पोर्टफोलियो में परिवर्तन करना होगा।
- पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन करने का एक महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह आपके रिस्क को कम करता है। शेअर मार्केट में सेक्टर रोटेशन जारी है इसलिए, यदि आप हर सेक्टर में इन्वेस्ट करते रहेंगे, तो हर सेक्टर रोटेशन होने पर आपका पोर्टफोलियो धीरे-धीरे ऊपर जाता रहेगा, बिना किसी बड़े Growth या गिरावट के।
FAQ’s – Portfolio Meaning In Hindi
शेअर मार्केट मे पोर्टफोलियो क्या है ?
पोर्टफोलियो कहलाता है आपके Investments का कलेक्शन. यह किसी भी प्रकार का इन्वेस्टमेंट हो सकता है, जैसे ETF, कमोडिटी, म्यूच्यूअल फंड, शेअर मार्केट में इन्वेस्ट इत्यादि।
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन क्या होता है?
अपने investments को एक जगह न invest करके उसे अलग अलग sector wise इन्वेस्ट करना पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन कहलता है
पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन कैसे करेते है ?
आपने investment कॅपिटल को विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग कॅप के कंपनी में इन्वेस्ट करके आप पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन कर सकते हो।
पोर्टफोलियो को कहा देखा जाता है ?
अपने ब्रोकर मे investments अँड portfolio नाम के टॅब मे आप अपने पोर्टफोलियो को देख सकते हो.
Note-उपर दी गई information सिर्फ educational purpose के लिए है.और इसका उद्देश्य सिर्फ इन्फॉर्मेशन provide करना और educate करना है, ये कोई investment advice नही है, निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च और financial advisor की सलाह जरूर ले कयोकि we’re not SEBI registered Research analyst and we’re not responsible for any loss to you, read our disclaimer for more details)